9 सित॰ 2025
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त्योहार से पहले कार खरीदारों के लिए जैकपॉट: महिंद्रा ने कीमतें तुरंत घटाईं
कार खरीदने का मन बना रहे हैं? तो यह आपके लिए सही वक्त है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 6 सितंबर 2025 से अपने पैसेंजर वाहनों की कीमतें 1.56 लाख रुपये तक घटा दी हैं। वजह है GST 2.0—यानी वह नया कर ढांचा जिसे 3 सितंबर को हुई 56वीं GST काउंसिल की बैठक में मंजूरी मिली। कंपनी ने कहा कि ग्राहकों को पूरा लाभ दिया जा रहा है, इसलिए नई कीमतें तुरंत लागू कर दी गईं, जबकि नए टैक्स रेट 22 सितंबर से औपचारिक रूप से लागू होने हैं।
मुंबई स्थित ऑटोमेकर ने सभी डीलरशिप और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कीमतों को अपडेट कर दिया है। खास बात यह कि यह कदम त्योहारों की शुरुआत से पहले आया है, जब शोरूम में भीड़ बढ़ती है और बुकिंग तेज होती है। उद्योग में इसे एक पारदर्शी और ग्राहक-हितैषी कदम माना जा रहा है।

कितना सस्ता हुआ, किसे सबसे ज्यादा फायदा और बाज़ार पर असर
सबसे बड़ा सवाल—कौन सा मॉडल कितना सस्ता? महिंद्रा ने अपनी लोकप्रिय SUV लाइनअप में बड़ी कटौती की है। आंकड़े साफ कहते हैं कि सब-4 मीटर डीज़ल SUVs को सबसे ज्यादा राहत मिली है, जबकि बड़े मॉडलों में भी अच्छी-खासी कमी दिख रही है।
- XUV3XO (डीज़ल): 1.56 लाख रुपये तक सस्ती
- XUV3XO (पेट्रोल): 1.40 लाख रुपये तक सस्ती
- बोलेरो और बोलेरो नियो रेंज: 1.27 लाख रुपये तक सस्ती
- थार 2WD (डीज़ल): 1.35 लाख रुपये तक सस्ती
- थार 4WD (डीज़ल): 1.01 लाख रुपये तक सस्ती
- स्कॉर्पियो-N: 1.45 लाख रुपये तक सस्ती
- XUV700: 1.43 लाख रुपये तक सस्ती
- थार रॉक्स: 1.33 लाख रुपये तक सस्ती
- स्कॉर्पियो क्लासिक: 1.01 लाख रुपये तक सस्ती
कुल मिलाकर कई मॉडलों पर 10–13% तक की बचत निकलकर आती है। छोटे वाहनों पर GST अब 28% की जगह 18% है, जबकि बड़े वाहनों पर 40% फ्लैट रेट लागू हुआ है। इसी वजह से बोलेरो, बोलेरो नियो, XUV3XO और थार जैसे सब-4 मीटर डीज़ल SUVs में फायदा सबसे ज्यादा दिख रहा है। बड़े मॉडल—जैसे XUV700, स्कॉर्पियो N और थार रॉक्स—में कटौती करीब 10% तक है।
महिंद्रा ने यह भी कहा है कि उसके कुल वॉल्यूम का 60% से ज्यादा हिस्सा, जिसमें कमर्शियल वाहनों का एक बड़ा सेगमेंट शामिल है, 18% वाले स्लैब से लाभ लेगा। यानी सिर्फ SUV खरीदार ही नहीं, कंपनी का पोर्टफोलियो भी इस बदलाव से ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगा।
अब एक जरूरी बात—आपके ऑन-रोड प्राइस पर इसका असर कैसे समझें? एक्स-शोरूम कीमत घटते ही RTO टैक्स और इंश्योरेंस प्रीमियम भी थोड़े कम हो जाते हैं, क्योंकि ये घटक एक्स-शोरूम के आधार पर निकलते हैं। मान लीजिए किसी मॉडल पर 1.5 लाख रुपये की कटौती है, तो 5 साल के कार लोन (करीब 10-11% ब्याज) पर EMI में औसतन 2,500-3,200 रुपये तक की कमी आ सकती है। यह अनुमान अलग-अलग शहर, वेरिएंट और लोन प्रोफाइल के हिसाब से बदल सकता है।
यह कदम अकेले महिंद्रा तक सीमित नहीं है। टाटा मोटर्स, हुंडई, टोयोटा, रेनो, स्कोडा, ऑडी, मर्सिडीज और मारुति जैसे बड़े निर्माता भी कीमतें कम कर रहे हैं। GST में बदलाव का उद्योग-व्यापी असर दिखेगा—मतलब ग्राहकों को जहां भी देखें, छूट ही छूट दिखाई देगी। त्योहारों के दौरान बुकिंग में उछाल की तैयारी कंपनियों ने शुरू कर दी है, क्योंकि नई कीमतें मांग खींचती हैं और वेटिंग पीरियड बढ़ा सकती हैं।
क्या इससे सेगमेंट की तस्वीर बदलेगी? सब-4 मीटर डीज़ल SUVs में प्रतिस्पर्धा और तेज होगी। बोलेरो, बोलेरो नियो और XUV3XO जैसे मॉडल अब एंट्री-टू-मिड रेंज खरीदार के लिए और आकर्षक हो गए हैं। दूसरी तरफ, स्कॉर्पियो N और XUV700 जैसे बड़े SUVs खरीदने वालों के लिए भी 1.4 लाख रुपये तक की कमी छोटी बात नहीं—यह या तो एक ऊंचे वेरिएंट तक अपग्रेड का रास्ता खोलती है या फिर एक्सेसरी और वारंटी पैक में ज्यादा विकल्प देती है।
डीलरशिप क्या कह रही हैं? शुरुआती संकेत बताते हैं कि इन्क्वायरी और टेस्ट ड्राइव बुकिंग तेज हुई हैं। खासकर थार 2WD और XUV3XO डीज़ल पर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। शहरों में जहां दूसरी या तीसरी कार खरीदने वाले ग्राहक हैं, वे अपग्रेड या नए ब्रांड की ओर झुकते हैं। वहीं, छोटे शहरों और कस्बों में बोलेरो परिवार की मजबूत ब्रांड वैल्यू के चलते तुरंत मांग बनती है।
खरीदारों के लिए एक छोटी चेकलिस्ट—पहला, नई कीमतें आपके शहर में किस वेरिएंट पर कितनी लागू हैं, यह डीलर से लिखित में लें। दूसरा, अगर आपने हाल में बुकिंग की है, तो प्राइस प्रोटेक्शन की स्थिति साफ करें—कई डीलर नई कीमतों का लाभ मौजूदा बुकिंग पर भी पास करते हैं। तीसरा, फाइनेंस ऑफर और प्रोसेसिंग फीस भी तुलना करके देखें, क्योंकि कुल ऑन-रोड लाभ वहीं सबसे साफ दिखता है।
क्या इस कटौती का असर इस्तेमाल की हुई (यूज्ड) कारों पर पड़ेगा? आमतौर पर नई कार सस्ती होने पर उसी मॉडल की पुरानी कार के दाम थोड़े नरम पड़ते हैं। हालांकि, बोलेरो या थार जैसे मॉडलों में सेकेंड-हैंड मांग मजबूत रहती है, इसलिए गिरावट सीमित हो सकती है। असली तस्वीर अगले कुछ हफ्तों में दिखेगी जब नई कीमतों के साथ डिलीवरी बढ़ेंगी।
उद्योग के नजरिए से यह टैक्स रेशनलाइज़ेशन महत्वपूर्ण है। पहले एक ही सेगमेंट में ईंधन प्रकार, आकार और ग्राउंड क्लीयरेंस जैसे मानदंडों के आधार पर टैक्स अलग-अलग लगते थे। अब सादगी आई है—छोटे वाहनों के लिए कम GST और बड़े वाहनों के लिए स्पष्ट फ्लैट रेट। इससे उत्पाद योजना, प्राइसिंग और इन्वेंट्री मैनेजमेंट आसान होगा।
तो खरीदने का सही समय कब? अगर आपका चुना हुआ वेरिएंट उपलब्ध है, तो डिलीवरी टाइमलाइन देखकर तुरंत बुकिंग समझदारी हो सकती है। अगर वेटिंग ज्यादा है, तो नजदीकी डीलर से अल्टरनेट वेरिएंट या रंग पर चर्चा करें—त्योहारों में अक्सर अतिरिक्त अलोकेशन आता है। और हां, टेस्ट ड्राइव मिस न करें—क्योंकि अब कई लोग उसी बजट में एक से ऊपर के वेरिएंट पर भी विचार कर रहे हैं।
फिलहाल तस्वीर साफ है—GST 2.0 ने SUV खरीदारों को एक बड़ा मौका दिया है और महिंद्रा ने उसे सबसे पहले आपके सामने रख दिया। बाकी कंपनियां भी कदम से कदम मिला रही हैं। इस सीजन में शोरूम की रौनक लौटने वाली है, और ग्राहकों के चेहरों पर जो मुस्कान दिखेगी, उसकी वजह आप समझ ही गए हैं।