एलन मस्क फिर शीर्ष पर, मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर लेकिन वैश्विक टॉप 10 से बाहर

एलन मस्क फिर शीर्ष पर, मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर लेकिन वैश्विक टॉप 10 से बाहर

दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का ताज फिर से एलन मस्क के सिर पर है। हुरुन रिसर्च द्वारा जारी 2025 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, एलन मस्क की कुल संपत्ति 420 अरब डॉलर पहुँच गई है — पिछले साल की तुलना में 82% की छलांग। ये उनकी पांच साल में चौथी बार शीर्ष स्थिति है। लेकिन ये सफलता बिना झटकों के नहीं आई। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, इस साल के शुरू में उनकी संपत्ति 35.2 अरब डॉलर तक गिरी, फिर टेस्ला के शेयरों में अचानक उछाल ने उन्हें फिर से ऊपर धकेल दिया। एक दिन में ही 22.3 अरब डॉलर का लाभ — ऐसा किसी और ने कभी नहीं किया।

मुकेश अंबानी: एशिया के राजा, लेकिन वैश्विक टॉप 10 में नहीं

मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं, लेकिन दुनिया के टॉप 10 में जगह नहीं बना पाए। हुरुन के अनुसार, उनकी संपत्ति 87.7 अरब डॉलर है — जो ब्लूमबर्ग के अनुसार 2.94 अरब डॉलर कम हो गई है। लेकिन एएजेटैक की रिपोर्ट में एक अलग तस्वीर है: 5 जनवरी 2025 को उनकी संपत्ति 24 घंटे में 685 मिलियन डॉलर बढ़कर 93.1 अरब डॉलर हो गई। ये अंतर क्यों? क्योंकि अलग-अलग स्रोत अलग-अलग तरीके से शेयर मूल्य, ऋण और निवेशों को गिनते हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए ये साल चुनौतीपूर्ण रहा। 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज, ऊर्जा और खुदरा सेक्टर में मांग में कमी, और जियो और रिलायंस रिटेल के बीच प्रतिस्पर्धा ने शेयर बाजार में दबाव बना दिया। हिंदफर्स्ट के अनुसार, पिछले साल अंबानी को लगभग एक लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। लेकिन फिर भी, उनकी संपत्ति दुनिया के टॉप 20 में है — और एशिया में किसी से ज्यादा।

अडानी का उतार-चढ़ाव: एक अज्ञात समीकरण

गौतम अडानी की कहानी सबसे अजीब है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, 2025 में उनकी संपत्ति में एलन मस्क के बाद सबसे ज्यादा गिरावट आई। लेकिन हिंदफर्स्ट ने दावा किया कि उनकी नेटवर्थ में एक लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। दोनों रिपोर्टें सही कैसे हो सकती हैं? जवाब छिपा है उनकी कंपनियों के बीच।

अडानी समूह की संपत्ति छह पब्लिक कंपनियों पर टिकी है: अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अडानी पोर्ट्स और अडानी ग्रीन एनर्जी। इनमें से अधिकांश में उनकी हिस्सेदारी 60-75% है। जनसत्ता के अनुसार, इन कंपनियों का TTM EBITDA पिछले साल की तुलना में 10.1% बढ़कर 86,789 करोड़ रुपये हो गया। यानी, बाजार ने शेयरों को गिराया, लेकिन व्यापार का आधार मजबूत हुआ। शायद यही बात हिंदफर्स्ट की रिपोर्ट का आधार है।

भारत के अरबपतियों का बदलता चेहरा

भारत की अरबपति सूची में अब 284 नाम हैं — पिछले साल की तुलना में 13 नए नाम जुड़े। इनकी कुल संपत्ति 98 लाख करोड़ रुपये है। लेकिन यहाँ एक दिलचस्प बात: 175 अरबपतियों की संपत्ति बढ़ी, जबकि 109 की या तो स्थिर रही या घटी। ये निशान देता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब एक अलग तरह की असमानता दिखा रही है — कुछ बहुत अमीर हो रहे हैं, कुछ ठहर गए हैं।

दिलीप सांघवी की कहानी इस बात की पुष्टि करती है। सन फार्मास्युटिकल के चेयरमैन की संपत्ति में 21% की वृद्धि हुई, जिससे उनकी नेटवर्थ 2.5 लाख करोड़ रुपये हो गई और वे भारत के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। दवा क्षेत्र का विस्तार, ग्लोबल डिमांड और डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन ने उन्हें ऊपर धकेला।

महिला अरबपतियों का उभार

महिला अरबपतियों का उभार

एक और दिलचस्प बात: रोशनी नादर, नेटवर्क 18 की पूर्व चेयरपर्सन, दुनिया की टॉप 5 सबसे अमीर महिलाओं में शामिल हो गईं। ये भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ा संकेत है — अब वे सिर्फ व्यवसाय में भाग नहीं ले रहीं, बल्कि उनका नेतृत्व भी दुनिया को बदल रहा है।

क्यों इतना अंतर? डेटा का रहस्य

एलन मस्क की नेटवर्थ पर अलग-अलग स्रोतों के अनुसार अंतर है — हुरुन कहता है 420 अरब डॉलर, फोर्ब्स 342 अरब, ब्लूमबर्ग 397 अरब। क्यों? क्योंकि हर संस्था अलग तरीके से शेयर मूल्य, निजी संपत्ति, ऋण और भविष्य के लाभों को गिनती है। फोर्ब्स अक्सर निजी कंपनियों के अनुमानित मूल्य को कम लेता है। हुरुन ज्यादा आगे की भविष्यवाणी पर भरोसा करता है। ये अंतर गलती नहीं, बल्कि अलग-अलग दृष्टिकोण हैं।

अगला कदम क्या होगा?

अगला कदम क्या होगा?

2025 के बाकी हिस्से में दो बातें देखने को मिलेंगी: पहली, क्या एलन मस्क की संपत्ति अभी भी बढ़ेगी? टेस्ला के लिए चीन में प्रतिस्पर्धा और अमेरिका में नियामक दबाव बढ़ रहा है। दूसरी, क्या भारतीय अरबपतियों में से कोई वैश्विक टॉप 10 में घुस पाएगा? अंबानी के लिए ये सवाल अभी भी खुला है — अगर रिलायंस अपने डिजिटल और एनर्जी बिजनेस को अच्छी तरह चला पाता है, तो शायद अगले साल वो टॉप 10 में आ जाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

एलन मस्क की संपत्ति में इतनी तेजी से वृद्धि क्यों हुई?

एलन मस्क की संपत्ति में तेजी से वृद्धि का मुख्य कारण टेस्ला के शेयर में अचानक उछाल था, जिसमें उनकी हिस्सेदारी 20% से अधिक है। इसके अलावा, स्पेसएक्स के लिए नए गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स और स्टारलिंक के वैश्विक विस्तार ने निवेशकों को आश्वासन दिया। 24 घंटे में 22.3 अरब डॉलर का लाभ एक असाधारण घटना थी, जो बाजार में भावनात्मक रिएक्शन का हिस्सा था।

मुकेश अंबानी वैश्विक टॉप 10 में क्यों नहीं हैं?

मुकेश अंबानी की संपत्ति भारतीय बाजार पर अधिक निर्भर है, जहाँ रिलायंस के ऊर्जा और खुदरा बिजनेस में मांग में गिरावट आई है। इसके अलावा, 3.50 लाख करोड़ रुपये का कर्ज उनकी नेटवर्थ को घटाता है। अमेरिकी अरबपतियों की तुलना में उनकी संपत्ति में ज्यादा विविधता नहीं है — जिससे उनका बाजार मूल्य ज्यादा उतार-चढ़ाव देखता है।

अडानी समूह की संपत्ति में विरोधाभास क्यों है?

अडानी समूह की संपत्ति पर अलग-अलग रिपोर्टों का अंतर इसलिए है क्योंकि ब्लूमबर्ग केवल शेयर बाजार के मूल्यों पर निर्भर करता है, जबकि हिंदफर्स्ट और जनसत्ता कंपनियों के वास्तविक व्यापार प्रदर्शन — जैसे EBITDA — को देखते हैं। यानी, शेयर गिरे हैं, लेकिन बिजनेस मजबूत है। यह अंतर निवेशकों के लिए एक चेतावनी है: बाजार की भावनाएँ और वास्तविक आर्थिक स्थिति अलग हो सकती हैं।

भारत में अरबपतियों की संख्या क्यों बढ़ रही है?

भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि डिजिटल अर्थव्यवस्था, फार्मास्युटिकल्स, रिन्यूएबल एनर्जी और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में नए उद्यमी उभर रहे हैं। इन क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है और ग्लोबल डिमांड भी बढ़ी है। दिलीप सांघवी और नए नाम जैसे फार्मा और टेक स्टार्टअप्स के संस्थापक इस तरह के उदाहरण हैं।

रोशनी नादर कैसे दुनिया की टॉप 5 महिला अरबपति बनीं?

रोशनी नादर की संपत्ति उनके पति, नेटवर्क 18 के संस्थापक निर्मल नादर की विरासत से आती है। लेकिन उन्होंने इसे संजोकर रखा, अपने निवेश और ब्रांड वैल्यू को बढ़ाया, और मीडिया और एंटरटेनमेंट के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। उनकी विरासत अब सिर्फ धन नहीं, बल्कि एक इंस्टीट्यूशन है — जिसने उन्हें दुनिया की टॉप 5 महिला अरबपतियों में जगह दिलाई।

हुरुन, फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग में अंतर क्यों है?

हर संस्था अपने तरीके से गणना करती है। हुरुन निजी संपत्ति और भविष्य के लाभों को ज्यादा वजन देता है, फोर्ब्स शेयर बाजार के अनुमानित मूल्य पर आधारित है, और ब्लूमबर्ग रियल-टाइम डेटा का उपयोग करता है। इसलिए एलन मस्क की संपत्ति एक जगह 342 अरब, दूसरी जगह 420 अरब दिखती है। ये अंतर गलती नहीं, बल्कि अलग-अलग दृष्टिकोणों का परिणाम है।

दोस्तों के साथ बांटें