भूलो मत, थार सिर्फ रेत नहीं है, यह लोग, कहानियां और कई अवसरों से भरा हुआ है। अगर आप थार के बारे में सोचते हैं तो शायद एक विशाल रेगिस्तान की तस्वीर आपके दिमाग में आती है, पर असल में यह एक जीवंत सभ्यता है जो सालों से यहाँ रही है।
थार का इतिहास प्राचीन सभ्यताओं से जुड़ा है। यहाँ के आर्केओलॉजिकल साइट्स से पत्ता चलता है कि हजारों साल पहले लोग यहाँ बसते थे, पानी के कुएँ और नदियों के पास। समय के साथ कई राजशाहियों ने इस क्षेत्र पर नियंत्रण किया, जैसे कि राजपूत, मुघल और बाद में ब्रिटिश। इस चलते‑फिरते बदलाव ने थार की पहचान को अनोखा बना दिया।
थार की संस्कृति रेत में पनपी है। यहाँ के लोग रंग-बिरंगे त्यौहार मनाते हैं, जैसे कि कालभैरव उत्सव और लोक गीतों में बीते समय की कहानियां गूंजती हैं। पारंपरिक कपड़े—जुटी‑जुती और घुंघराले बाल—आज भी रोज़मर्रा के पहनावे में दिखते हैं। भोजन में बिंदीली रोटी, दाल‑बाजरी और केसरिया चटनी खास जगह बनाते हैं।
अगर आप थार के गाँवों में जाएँ तो आपको जल‑संसाधन के लिए बड़े कुएँ और टट्टी देखनी पड़ेंगी। लोग बारिश के पानी को संभालने के लिए तालाब बनाते हैं, जिससे खेती‑बाड़ी संभव हो पाती है। गन्ना, कसाई, और बांस के कला वस्त्र इन क्षेत्रों में आम हैं।
थार में पर्यटन का भी बड़ा उछाल है। कैम्पिंग, रेगिस्तानी सफ़ारी और ऊँट पर सवारी आजकल बहुत लोकप्रिय हैं। जेब में थोड़ी तैयारी रखो और आप सूरज के नीचे सूर्यास्त देखते‑देखते शाम को भी चमकते सितारों का मज़ा ले सकते हैं। स्थानीय गाइड आपको थारी परम्पराओं और उनके मान्यताओं को समझा देंगे।
पशु जीव भी थार के नज़रिये को रंगीन बनाते हैं। गीदड़, मरूभूरे और कई पक्षी प्रजातियां यहाँ की हवा में घुली रहती हैं। संरक्षण के प्रयासों से अब इनकी संख्या में सुधार देखा जा रहा है, और कई NGOs इस दिशा में काम कर रहे हैं।
आर्थिक रूप से थार में कई नई पहलें चल रही हैं। सौर ऊर्जा परियोजनाएं अब बड़े पैमाने पर स्थापित हो रही हैं, जिससे गाँवों में बिजली की आपूर्ति आसान हो रही है। साथ ही, हस्तशिल्प और रेत के शिल्प को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर बेचने से स्थानीय कारीगरों की आमदनी बढ़ी है।
भले ही थार एक कठोर माहौल हो, यहाँ के लोग कठिनाईयों को सहते‑समझते आगे बढ़ते हैं। उनकी लचीलापन और अनुकूलन क्षमता हमें सिखाती है कि कैसे कठिन परिस्थिति में भी जीवन को आसान बनाना संभव है।
आप भी अगर थार को एक बार देखना चाहते हैं, तो यात्रा की योजना बनाते समय मौसम, पानी की आपूर्ति और स्थानीय नियमों का ध्यान रखें। एक छोटी सी तैयारी से आप इस अनोखे रेगिस्तान के साथ एक शानदार अनुभव बना सकते हैं।
GST 2.0 के असर के बाद महिंद्रा ने अपनी SUV रेंज में 1.56 लाख रुपये तक की कटौती कर दी। 6 सितंबर 2025 से नई कीमतें लागू हैं और कंपनी ने डीलरशिप व डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बदलाव भी कर दिए। XUV3XO, थार, स्कॉर्पियो और XUV700 जैसे मॉडलों पर भारी फायदा मिला है। छोटे वाहनों पर GST 18% और बड़े वाहनों पर 40% फ्लैट रेट लागू होने से उद्योग को त्योहार सीजन में बूस्ट मिलने की उम्मीद है।