अगर आप अपने साइट पर लिंक जोड़ते समय एंकर टेक्स्ट को लापरवाह चुनते हैं, तो खोज इंजन आपको दण्डित कर सकते हैं। आमतौर पर लोग "यहाँ क्लिक करें", "और पढ़ें" जैसी सामान्य शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, जो कि ठीक नहीं होता। ऐसे एंकर न सिर्फ रैंकिंग को गिरा देते हैं, बल्कि यूज़र को भी उलझन में डालते हैं।
सबसे बड़ा कारण है असंबंधित या बहुत सामान्य टेक्स्ट। जब गूगल देखता है कि कई लिंक एक ही बोरिंग वाक्य से जुड़े हैं, तो वह समझता है कि साइट पर ऑथोरिटी नहीं है। इससे आपका पेज स्कोर कम हो जाता है और ट्रैफ़िक घटता है। साथ ही, यूज़र को नहीं पता कि लिंक कहां ले जाएगा, इसलिए क्लिक‑थ्रू रेट भी गिर जाता है।
1. कीवर्ड जोड़ें – अगर आप "महिंद्रा थार कीमत" पेज पर लिंक दे रहे हैं, तो एंकर को "महिंद्रा थार की मौजूदा कीमत" जैसा रखें।
2. संक्षिप्त रखें – 2‑4 शब्दों में विषय को पकड़ें। लम्बा वाक्य गड़बड़ कर सकता है।
3. विषय से जुड़ा रखें – यदि आप रेडमी नोट के रिव्यू में लिंक दे रहे हैं, तो एंकर को "रेडमी नोट 11 प्र फीचर्स" रखें, न कि "और पढ़ें"।
4. वैरिएशन रखें – एक ही कीवर्ड का लगातार दोहराव स्पैम दिख सकता है। समान अर्थ वाले शब्दों को घुमाएं, जैसे "कीमत" और "मूल्य"।
5. यूज़र को फोकस में रखें – सोचें कि क्लिक करने वाले को क्या जानकारी चाहिए। एंकर को उस जरूरत के हिसाब से बनाएं।
अब बात करते हैं कुछ आम गलतियों पर और उन्हें कैसे ठीक करें।
• बहुत सामान्य एंकर – "क्लिक करें" या "यहाँ" को पूरी तरह छोड़ दें। इन जगहों पर सीधे विषय का नाम लिखें।
• कीवर्ड स्टफ़िंग – एक ही कीवर्ड को हर एंकर में दोहराना उल्टा पड़ सकता है। अगर पेज पर कई लिंक हैं, तो वैरिएशन का इस्तेमाल करें।
• भटकाव वाले एंकर – कभी कभी एंकर ऐसा दिखता है कि वह किसी अलग पेज की ओर इशारा कर रहा है। इससे यूज़र निराश होते हैं और बाउंस रेट बढ़ता है। हमेशा एंकर के बगल में एक छोटा विवरण (title attribute) जोड़ें, जिससे यूज़र को पता चले कि वह किस पेज पर जा रहा है।
इन छोटे‑छोटे बदलावों से आप अपनी साइट की SEO शक्ति को तुरंत बढ़ा सकते हैं। अगली बार जब भी आप लिंक डालें, तो इन टिप्स को ज़रूर फॉलो करें। याद रखें, एंकर टेक्स्ट सिर्फ लिंक नहीं, बल्कि आपका छोटा बिंदु है जो सर्च इंजन और यूज़र दोनों को दिशा देता है। सही एंकर से ट्रैफ़िक बढ़ेगा, रैंकिंग सुधरेगी और आपका कंटेंट ज्यादा भरोसेमंद लगेगा।
इस ब्लॉग में हमने भारतीय हिंदी समाचार चैनलों के एंकरों की छवि का विश्लेषण किया है। यहाँ हमने उनकी व्यावसायिकता, न्यायिकता और उनके द्वारा दी गई जानकारी की विश्वसनीयता को आधार बनाया है। इस विश्लेषण के आधार पर, हमने कुछ एंकरों को सबसे खराब माना है। लेकिन यह सूची व्यक्तिगत अनुभवों और दृष्टिकोण पर आधारित है, इसलिए इसे सर्वसम्मत नहीं माना जा सकता है। यहाँ हमने व्यक्तिगत अभिप्रेति को सम्मान दिया है, और हम सभी को अपने खुद के दृष्टिकोण का सम्मान करने की सलाह देते हैं।